बैडमिंटन स्ट्रिंग: सही सामग्री चुनें और तुरंत अपना खेल बेहतर बनाएं!

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배드민턴용 스트링 재질 비교 - Here are three detailed image prompts in English, keeping all the essential guidelines in mind:

नमस्ते मेरे प्यारे बैडमिंटन प्रेमियों! कैसे हैं आप सब? उम्मीद है कि आप अपनी रैकेट के साथ कोर्ट में कमाल कर रहे होंगे.

अक्सर हम खिलाड़ी अपने रैकेट के फ्रेम और उसकी ग्रिप पर तो खूब ध्यान देते हैं, लेकिन एक चीज़ है जिसे हम कभी-कभी नज़रअंदाज़ कर देते हैं – और वो है हमारी रैकेट की जान, यानी उसकी स्ट्रिंग!

क्या आपने कभी सोचा है कि एक गलत स्ट्रिंग आपके पूरे खेल को कैसे बिगाड़ सकती है, या फिर एक सही स्ट्रिंग आपको जीत के कितने करीब ला सकती है? मैंने खुद अनगिनत बार देखा है कि कैसे एक ही खिलाड़ी अलग-अलग स्ट्रिंग के साथ बिलकुल अलग प्रदर्शन करता है.

आजकल बाजार में स्ट्रिंग्स की इतनी वैरायटी आ गई है कि अच्छे-अच्छे खिलाड़ी भी कन्फ्यूज़ हो जाते हैं. अभी हाल ही में, मैंने कुछ नए मटेरियल और स्ट्रिंग टेक्नोलॉजीज़ पर रिसर्च की है, और मेरा अनुभव कहता है कि ये सिर्फ मार्केटिंग के वादे नहीं हैं, बल्कि सच में खेल में बड़ा बदलाव ला रहे हैं.

कुछ स्ट्रिंग्स आपको कमाल की पावर देती हैं, तो कुछ बेजोड़ कंट्रोल. कुछ बेहद टिकाऊ होती हैं, तो कुछ सिर्फ ‘फील’ के लिए बनी हैं. लेकिन हमारे लिए सबसे ज़रूरी ये जानना है कि हमारी अपनी खेल शैली के लिए कौन सी सबसे सही है.

ये सिर्फ प्रोफेशनल खिलाड़ियों की बात नहीं है, हम जैसे हर रोज़ खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए भी सही स्ट्रिंग चुनना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि हम चोटों से बचें और अपने खेल का पूरा मज़ा ले सकें.

तो क्या आप भी अपनी रैकेट को वो परफेक्शन देना चाहते हैं जिसकी वो हकदार है? क्या आप जानना चाहते हैं कि मल्टीफिलामेंट, सिंथेटिक गट या किसी और मटेरियल में से कौन सा आपके खेल के लिए सबसे ‘गेम चेंजर’ साबित होगा?

तो चलिए, बिना किसी देरी के, हम बैडमिंटन स्ट्रिंग के अलग-अलग मटेरियल की इस दिलचस्प दुनिया में गोता लगाते हैं और विस्तार से समझते हैं कि कौन सी स्ट्रिंग आपके रैकेट के लिए सबसे सटीक होगी और आपके खेल को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी.

यकीन मानिए, ये जानकारी आपके खेल का अनुभव पूरी तरह बदल देगी, और आप कोर्ट पर पहले से कहीं ज़्यादा आत्मविश्वास के साथ उतरेंगे. आइए, आपके लिए सबसे सही स्ट्रिंग चुनने की गुत्थी को मिलकर सुलझाते हैं!

स्ट्रिंग मटेरियल की दुनिया: आपके खेल का सीक्रेट सॉस

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बैडमिंटन स्ट्रिंग सिर्फ एक धागा नहीं है; यह आपके हर शॉट की आत्मा है. मैंने अपने सालों के अनुभव में यह पाया है कि कई खिलाड़ी सोचते हैं कि सभी स्ट्रिंग्स एक जैसी होती हैं, लेकिन यह सबसे बड़ी गलतफहमी है.

मटेरियल का चुनाव आपके खेल की पावर, कंट्रोल, और यहाँ तक कि आपके कंधे और कोहनी पर पड़ने वाले असर को भी तय करता है. बाजार में नायलॉन, मल्टीफिलामेंट, सिंथेटिक गट और यहाँ तक कि हाइब्रिड स्ट्रिंग्स के रूप में कई विकल्प मौजूद हैं.

मुझे याद है जब मैंने पहली बार एक नायलॉन स्ट्रिंग से मल्टीफिलामेंट पर स्विच किया था, तो मेरे शॉट्स में अचानक से एक अलग ही ‘फील’ और ‘पॉकेटिंग’ का अनुभव हुआ.

यह ऐसा था जैसे मेरी रैकेट ने अचानक से मेरे हाथ की बात सुनना शुरू कर दिया हो. यह सिर्फ स्ट्रिंग नहीं, बल्कि आपके खेल का विस्तार बन जाती है. सही मटेरियल आपके शॉट्स को ज़्यादा सटीकता देता है और आपको यह आत्मविश्वास देता है कि गेंद वहीं गिरेगी जहाँ आप चाहते हैं, हर बार.

स्ट्रिंग मटेरियल की गुणवत्ता और बनावट सीधे तौर पर शटलकॉक के साथ उसके संपर्क को प्रभावित करती है, जिससे आपके शॉट की गति और नियंत्रण दोनों में अंतर आता है.

इसलिए, मटेरियल का चुनाव हल्के में न लें; यह आपके प्रदर्शन की कुंजी है.

नायलॉन स्ट्रिंग्स: शुरुआती खिलाड़ियों का भरोसेमंद साथी

नायलॉन स्ट्रिंग्स सबसे आम और सस्ती स्ट्रिंग्स में से एक हैं, और ये अक्सर शुरुआती या मनोरंजन के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों की पहली पसंद होती हैं. इनकी बनावट आमतौर पर ठोस कोर वाली होती है, जिसके चारों ओर कई फिलामेंट्स लिपटे होते हैं.

मुझे याद है जब मैंने खेलना शुरू किया था, मेरी पहली रैकेट में नायलॉन स्ट्रिंग ही लगी थी. ये टिकाऊ होती हैं और एक ठीक-ठाक पावर और कंट्रोल देती हैं, जो नए खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त होता है.

हालाँकि, अनुभवी खिलाड़ी अक्सर इन्हें थोड़ा कठोर पाते हैं और इन्हें मल्टीफिलामेंट या सिंथेटिक गट जैसी स्ट्रिंग्स की तुलना में कम ‘फील’ प्रदान करने वाला मानते हैं.

फिर भी, इनकी किफायती कीमत और अच्छी टिकाऊपन के कारण, ये उन खिलाड़ियों के लिए एक बढ़िया विकल्प हैं जो बार-बार स्ट्रिंग नहीं बदलना चाहते या जो अभी अपनी खेल शैली को विकसित कर रहे हैं.

ये स्ट्रिंग्स आमतौर पर मौसम के बदलावों से भी कम प्रभावित होती हैं, जिससे इनकी परफॉर्मेंस काफी कंसिस्टेंट रहती है.

मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स: जब आपको चाहिए बेहतर ‘फील’ और कंट्रोल

मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, कई पतले फिलामेंट्स को एक साथ जोड़कर बनाई जाती हैं. ये प्राकृतिक गट स्ट्रिंग के सबसे करीब मानी जाती हैं, खासकर ‘फील’ के मामले में.

जब मैंने पहली बार मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग का इस्तेमाल किया, तो मुझे ऐसा लगा जैसे शटलकॉक मेरे रैकेट पर कुछ पल के लिए “रुक” रही है, जिससे मुझे शॉट को निर्देशित करने का ज़्यादा समय मिला.

यह ‘पॉकेटिंग’ इफेक्ट खिलाड़ियों को शटलकॉक पर बेहतर कंट्रोल देता है और ड्रॉप शॉट्स, स्लाइस और नेट प्ले में बहुत मददगार होता है. मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स आमतौर पर नायलॉन से कम टिकाऊ होती हैं, लेकिन वे आराम और शॉक एब्जॉर्प्शन के मामले में बेहतर होती हैं, जो आपके हाथों और बाजुओं के लिए अच्छा है.

अगर आप अपने खेल में नियंत्रण और संवेदनशीलता बढ़ाना चाहते हैं, तो मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स आपके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकती हैं. इनकी कीमत नायलॉन से थोड़ी ज़्यादा होती है, लेकिन जो ‘फील’ ये देती हैं, वो इस कीमत को सही ठहराती है.

ताकत के पुजारी या कंट्रोल के बादशाह? सही स्ट्रिंग कैसे चुनें

आप किस तरह के खिलाड़ी हैं? क्या आप कोर्ट पर ताकतवर स्मैश लगाना पसंद करते हैं, या आप सटीक ड्रॉप और चालाकी भरे नेट शॉट्स से विपक्षी को मात देते हैं? यह जानना कि आप किस तरह के खिलाड़ी हैं, सही स्ट्रिंग चुनने की दिशा में पहला कदम है.

मेरे दोस्त रोहित, जो एक आक्रामक खिलाड़ी है, हमेशा मोटी गेज वाली स्ट्रिंग्स और थोड़ा ज़्यादा टेंशन पसंद करता है ताकि उसे हर स्मैश में अधिकतम पावर मिले.

वहीं, मेरी दोस्त सीमा, जो अपने बेहतरीन ड्रॉप्स और नेट प्ले के लिए जानी जाती है, पतली गेज वाली मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग पसंद करती है ताकि उसे शटलकॉक का ज़्यादा ‘फील’ मिले.

मैंने खुद दोनों तरीकों से प्रयोग किए हैं और यह पाया है कि स्ट्रिंग का चुनाव आपके खेल को पूरी तरह से बदल सकता है. यदि आप अपनी ताकत पर निर्भर करते हैं, तो आपको एक ऐसी स्ट्रिंग चाहिए जो शटलकॉक को तेज़ी से रैकेट से दूर धकेल सके.

यदि आप नियंत्रण और सटीकता को महत्व देते हैं, तो आपको एक ऐसी स्ट्रिंग चाहिए जो शटलकॉक को थोड़ी देर के लिए पकड़ कर रख सके और आपको शॉट को आकार देने का मौका दे.

आक्रामक खिलाड़ियों के लिए पावर-फोकस्ड स्ट्रिंग्स

अगर आपका खेल आक्रामक है और आप हर शॉट में ज़बरदस्त पावर चाहते हैं, तो आपको कुछ खास बातों पर ध्यान देना होगा. आमतौर पर, थोड़ी मोटी गेज वाली स्ट्रिंग्स और ज़्यादा टेंशन आपको बेहतर पावर दे सकती हैं.

मोटी गेज वाली स्ट्रिंग्स ज़्यादा टिकाऊ भी होती हैं, जो उन खिलाड़ियों के लिए अच्छी हैं जो अक्सर स्मैश मारते हैं और स्ट्रिंग तोड़ने का जोखिम उठाते हैं. मोनोफिलामेंट स्ट्रिंग्स, जो ज़्यादा ठोस होती हैं, अक्सर पावर के लिए पसंद की जाती हैं क्योंकि वे कम ऊर्जा अवशोषित करती हैं और शटलकॉक को तेज़ी से रैकेट से उछालती हैं.

मैंने एक बार योनेक्स BG65 (जो अपनी टिकाऊपन के लिए जानी जाती है) को अपने रैकेट में लगाकर देखा था, और मुझे लगा कि मेरे स्मैश में एक नई जान आ गई है, हालाँकि ‘फील’ में थोड़ा समझौता करना पड़ा.

लेकिन अगर आपका लक्ष्य प्रतिद्वंद्वी को अपनी ताकत से पछाड़ना है, तो यह एक बढ़िया विकल्प हो सकता है.

नियंत्रण-उन्मुख खिलाड़ियों के लिए सटीकता और ‘फील’

जो खिलाड़ी नियंत्रण और सटीकता को अपनी प्राथमिकता मानते हैं, उन्हें पतली गेज वाली मल्टीफिलामेंट या सिंथेटिक गट स्ट्रिंग्स पर विचार करना चाहिए. पतली गेज वाली स्ट्रिंग्स शटलकॉक को ज़्यादा देर तक ‘पॉकेट’ करती हैं, जिससे आपको शॉट को निर्देशित करने के लिए बेहतर ‘फील’ और नियंत्रण मिलता है.

यह ड्रॉप शॉट्स, नेट पर खेलने और प्लेसमेंट के लिए महत्वपूर्ण है. सिंथेटिक गट स्ट्रिंग्स भी एक अच्छा संतुलन प्रदान करती हैं, जिसमें अच्छी प्रतिक्रिया के साथ-साथ उचित टिकाऊपन भी होता है.

मैंने खुद अपने नेट प्ले और ड्रॉप शॉट्स को बेहतर बनाने के लिए पतली मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग (जैसे Yonex Aerobite या BG80) का इस्तेमाल किया है, और मैंने तुरंत अपने खेल में एक बड़ा बदलाव महसूस किया.

शटलकॉक को अपनी इच्छानुसार कहीं भी रख पाना एक अद्भुत अहसास होता है, और यह तभी संभव है जब आपकी स्ट्रिंग आपको पर्याप्त ‘फील’ और प्रतिक्रिया दे.

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टिकाऊपन और खेल का अहसास: क्या एक साथ दोनों मुमकिन है?

यह बैडमिंटन खिलाड़ियों के बीच सबसे आम दुविधाओं में से एक है: क्या हम ऐसी स्ट्रिंग पा सकते हैं जो बेहद टिकाऊ भी हो और हमें बेहतरीन ‘फील’ भी दे? मेरा सीधा जवाब है – हाँ, लेकिन इसमें कुछ समझौता करना पड़ सकता है या आपको थोड़ी खोज करनी पड़ सकती है.

आमतौर पर, जो स्ट्रिंग्स ज़्यादा टिकाऊ होती हैं (जैसे मोटी गेज वाली नायलॉन या कुछ हाइब्रिड स्ट्रिंग्स), वे अक्सर शटलकॉक का ‘फील’ थोड़ा कम देती हैं, क्योंकि उनकी कठोरता ज़्यादा होती है.

वहीं, जो स्ट्रिंग्स शानदार ‘फील’ और प्रतिक्रिया देती हैं (जैसे पतली मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स), वे अक्सर कम टिकाऊ होती हैं और ज़्यादा जल्दी टूट जाती हैं.

मुझे याद है जब मैं एक टूर्नामेंट के लिए तैयारी कर रहा था, मुझे अपनी स्ट्रिंग बार-बार बदलनी पड़ती थी क्योंकि मैं अपनी मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग को हर कुछ दिनों में तोड़ देता था.

यह महंगा भी पड़ता था और खेल के बीच में असुविधाजनक भी. लेकिन फिर मैंने अलग-अलग कॉम्बिनेशंस के साथ प्रयोग करना शुरू किया और पाया कि कुछ स्ट्रिंग्स एक अच्छा संतुलन प्रदान करती हैं.

लंबी चलने वाली स्ट्रिंग्स: बजट और सुविधा का संतुलन

अगर आप ऐसे खिलाड़ी हैं जो बार-बार स्ट्रिंग बदलने के झंझट से बचना चाहते हैं और आपके लिए बजट भी एक चिंता का विषय है, तो टिकाऊ स्ट्रिंग्स आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हैं.

नायलॉन स्ट्रिंग्स, विशेष रूप से मोटी गेज वाली, अपनी ज़बरदस्त टिकाऊपन के लिए जानी जाती हैं. ये स्ट्रिंग्स स्मैशर्स और उन खिलाड़ियों के लिए आदर्श हैं जो अपनी स्ट्रिंग्स को तेज़ी से तोड़ देते हैं.

हालांकि, आपको ‘फील’ और ‘पॉकेटिंग’ के मामले में थोड़ा समझौता करना पड़ सकता है. मैं हमेशा अपने उन दोस्तों को नायलॉन की सलाह देता हूँ जो रोज़ाना खेलते हैं लेकिन प्रोफेशनल नहीं हैं, क्योंकि यह उन्हें बिना ज़्यादा खर्च किए खेल का मज़ा लेने देती है.

इनकी लाइफ ज़्यादा होती है, जिससे आपको बार-बार स्ट्रिंग कराने के लिए दुकान जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती. यह उन खिलाड़ियों के लिए भी बहुत अच्छा है जो अपने खेल को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और स्ट्रिंग टूटने की चिंता नहीं करना चाहते.

‘फील’ और संवेदनशीलता के लिए: बारीक गेज और खास मटेरियल

अगर आप उन खिलाड़ियों में से हैं जिनके लिए शटलकॉक का ‘फील’ और हर शॉट पर सटीक नियंत्रण सबसे महत्वपूर्ण है, तो आपको बारीक गेज वाली मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स या कुछ प्रीमियम सिंथेटिक गट विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए.

ये स्ट्रिंग्स शटलकॉक के साथ ज़्यादा संपर्क समय देती हैं, जिससे आपको शॉट को अपनी इच्छानुसार आकार देने का मौका मिलता है. मैंने देखा है कि मेरे खेल में नेट पर और ड्रॉप शॉट्स में कितनी तेज़ी से सुधार आया जब मैंने एक बारीक गेज वाली स्ट्रिंग का इस्तेमाल करना शुरू किया.

हाँ, ये स्ट्रिंग्स कम टिकाऊ होती हैं और इनकी कीमत भी ज़्यादा हो सकती है, लेकिन जो ‘फील’ और कंट्रोल ये देती हैं, वो हर पैसे के लायक है. यह उन खिलाड़ियों के लिए है जो अपने खेल में सूक्ष्मता और कलात्मकता जोड़ना चाहते हैं, और जो जानते हैं कि सही स्ट्रिंग उनके प्रदर्शन में कितना बड़ा अंतर ला सकती है.

सिंथेटिक गट से लेकर मल्टीफिलामेंट तक: हर खिलाड़ी की अपनी पसंद

बैडमिंटन स्ट्रिंग्स की दुनिया में इतने विकल्प हैं कि यह किसी भी खिलाड़ी को भ्रमित कर सकता है. सिंथेटिक गट, मल्टीफिलामेंट, या यहाँ तक कि प्राकृतिक गट (हालांकि बैडमिंटन में कम आम) जैसे कई मटेरियल हैं, और हर एक की अपनी खासियत है.

मुझे याद है एक बार मेरे एक छात्र ने मुझसे पूछा था कि “गुरुजी, इतनी सारी स्ट्रिंग्स में से मुझे कैसे पता चलेगा कि कौन सी मेरे लिए है?” और मेरा जवाब था कि यह एक यात्रा है, और आपको कुछ अलग-अलग विकल्पों को आज़माना होगा ताकि आप खुद महसूस कर सकें कि कौन सी स्ट्रिंग आपके खेल के साथ सबसे अच्छी तरह से मेल खाती है.

हर खिलाड़ी की अपनी प्राथमिकताएं और खेल शैली होती है, और इसीलिए कोई भी एक स्ट्रिंग सभी के लिए “सर्वश्रेष्ठ” नहीं हो सकती. यह एक व्यक्तिगत चुनाव है जो आपके अनुभव और आपकी अपेक्षाओं पर निर्भर करता है.

स्ट्रिंग का प्रकार विशेषताएँ आदर्श खिलाड़ी टिकाऊपन कंट्रोल/फील
नायलॉन (मोनोफिलामेंट) सस्ती, टिकाऊ, अच्छी पावर शुरुआती, आक्रामक खिलाड़ी बहुत अच्छा औसत
मल्टीफिलामेंट उत्कृष्ट ‘फील’ और कंट्रोल, शॉक एब्जॉर्प्शन नियंत्रण-उन्मुख, उन्नत खिलाड़ी औसत बहुत अच्छा
सिंथेटिक गट संतुलित प्रदर्शन, अच्छी प्रतिक्रिया ऑल-राउंड खिलाड़ी अच्छा अच्छा
टेक्सचर/कोटेड शटलकॉक पर बेहतर ग्रिप और स्पिन ड्रॉप और कट शॉट पसंद करने वाले अच्छा बहुत अच्छा

सिंथेटिक गट: संतुलन और बहुमुखी प्रतिभा

सिंथेटिक गट स्ट्रिंग्स को अक्सर मल्टीफिलामेंट और मोनोफिलामेंट स्ट्रिंग्स के बीच एक अच्छा संतुलन माना जाता है. ये आम तौर पर नायलॉन कोर से बनी होती हैं जिसके चारों ओर कई फिलामेंट्स लिपटे होते हैं, और कभी-कभी एक सुरक्षात्मक कोटिंग भी होती है.

इनका उद्देश्य प्राकृतिक गट स्ट्रिंग के ‘फील’ को दोहराना होता है लेकिन अधिक सामर्थ्य और टिकाऊपन के साथ. मेरे कई दोस्त जो ऑल-राउंड खिलाड़ी हैं और जिन्हें पावर के साथ-साथ कंट्रोल भी चाहिए, वे सिंथेटिक गट स्ट्रिंग्स का उपयोग करना पसंद करते हैं.

ये स्ट्रिंग्स एक अच्छी प्रतिक्रिया और बॉल पॉकेटिंग प्रदान करती हैं, जो उन्हें विभिन्न प्रकार के शॉट्स के लिए उपयुक्त बनाती है. यदि आप अपनी खेल शैली के बारे में अनिश्चित हैं या आप एक ऐसी स्ट्रिंग चाहते हैं जो आपको हर पहलू में औसत से बेहतर प्रदर्शन दे, तो सिंथेटिक गट एक उत्कृष्ट शुरुआती बिंदु हो सकता है.

यह एक सुरक्षित विकल्प है जो आपको निराश नहीं करेगा.

टेक्सचर और कोटेड स्ट्रिंग्स: जब आपको चाहिए एक्स्ट्रा ग्रिप

आजकल बाजार में कुछ स्ट्रिंग्स ऐसी भी आ रही हैं जिनमें एक विशेष टेक्सचर या कोटिंग होती है, जो शटलकॉक पर अतिरिक्त ग्रिप प्रदान करती है. ये स्ट्रिंग्स उन खिलाड़ियों के लिए वरदान हैं जो अपने खेल में ज़्यादा स्पिन, स्लाइस और सटीक ड्रॉप शॉट्स का इस्तेमाल करते हैं.

मुझे याद है जब एक दोस्त ने मुझे एक ऐसी टेक्सचर वाली स्ट्रिंग इस्तेमाल करने की सलाह दी थी, तो मैंने महसूस किया कि मेरे कट शॉट्स में एक नई धार आ गई है. शटलकॉक पर ज़्यादा ग्रिप का मतलब है कि आप उसे ज़्यादा आसानी से निर्देशित कर सकते हैं और उसे कोर्ट में कहीं भी गिरा सकते हैं जहाँ आप चाहते हैं.

ये स्ट्रिंग्स अक्सर मल्टीफिलामेंट बेस पर बनी होती हैं और ये आपको बेहतर ‘फील’ के साथ-साथ शटलकॉक पर नियंत्रण बढ़ाने का एक अतिरिक्त फायदा देती हैं. यदि आप अपने शॉट्स में अधिक कलात्मकता और सटीकता जोड़ना चाहते हैं, तो इन टेक्सचर या कोटेड स्ट्रिंग्स पर विचार करना आपके लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.

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टेंशन का खेल: आपकी स्ट्रिंग कितनी टाइट होनी चाहिए?

배드민턴용 스트링 재질 비교 - Image Prompt 1: The Precision Player's Grip**

स्ट्रिंग टेंशन, यानी आपकी स्ट्रिंग कितनी कसी हुई है, यह आपके रैकेट के प्रदर्शन में एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह एक ऐसी चीज़ है जिसमें हर खिलाड़ी को व्यक्तिगत रूप से प्रयोग करना पड़ता है.

मेरे अनुभवों में, कम टेंशन से ज़्यादा पावर मिलती है लेकिन कंट्रोल कम हो जाता है, जबकि ज़्यादा टेंशन से कंट्रोल बढ़ जाता है लेकिन पावर में कमी आती है. यह एक बहुत ही बारीक संतुलन है जिसे ढूंढना बेहद ज़रूरी है.

नए खिलाड़ियों को अक्सर कम टेंशन पर शुरुआत करने की सलाह दी जाती है ताकि वे शटलकॉक को आसानी से कोर्ट के पार भेज सकें, जबकि अनुभवी खिलाड़ी आमतौर पर ज़्यादा टेंशन पसंद करते हैं ताकि वे शॉट्स पर बेहतर नियंत्रण रख सकें.

मुझे याद है जब मैंने अपनी रैकेट का टेंशन पहली बार बढ़ाया था, तो मुझे लगा कि मेरे शॉट्स ज़्यादा नियंत्रित हो गए हैं, लेकिन मुझे थोड़ी ज़्यादा ताकत लगानी पड़ी.

कम टेंशन के फायदे: आसान पावर और आराम

अगर आप एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें शटलकॉक को कोर्ट के पिछले हिस्से तक भेजने में दिक्कत होती है, या आप अभी-अभी खेलना शुरू कर रहे हैं, तो कम स्ट्रिंग टेंशन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.

कम टेंशन पर, स्ट्रिंग बेड ज़्यादा “इलास्टिक” होता है और शटलकॉक के संपर्क में आने पर ज़्यादा विक्षेपित होता है, जिससे स्प्रिंगबोर्ड प्रभाव पैदा होता है जो शटलकॉक को ज़्यादा दूर और तेज़ी से धकेलता है.

यह उन खिलाड़ियों के लिए अतिरिक्त पावर प्रदान करता है जिनकी कलाई की ताकत उतनी विकसित नहीं हुई है. इसके अलावा, कम टेंशन आपके हाथों और बाजुओं पर पड़ने वाले झटके को कम करता है, जिससे चोटों का जोखिम कम होता है और खेल का अनुभव ज़्यादा आरामदायक होता है.

मेरे एक दोस्त को कंधे में अक्सर दर्द रहता था, और जब उसने अपनी रैकेट का टेंशन कम किया, तो उसे काफ़ी राहत मिली. यह उन खिलाड़ियों के लिए भी अच्छा है जो लंबी रैलियाँ खेलना पसंद करते हैं और कम प्रयास में अधिक शॉट्स लगाना चाहते हैं.

ज़्यादा टेंशन के फायदे: नियंत्रण और सटीकता

उन्नत और पेशेवर खिलाड़ी अक्सर ज़्यादा स्ट्रिंग टेंशन पसंद करते हैं क्योंकि यह उन्हें शटलकॉक पर बेहतर नियंत्रण और सटीकता प्रदान करता है. ज़्यादा टेंशन पर, स्ट्रिंग बेड ज़्यादा कठोर होता है और शटलकॉक के संपर्क में आने पर कम विक्षेपित होता है.

इसका मतलब है कि आप शटलकॉक को ज़्यादा सटीक रूप से निर्देशित कर सकते हैं, खासकर ड्रॉप शॉट्स, स्लाइस और नेट प्ले में. मुझे व्यक्तिगत रूप से ज़्यादा टेंशन पसंद है क्योंकि यह मुझे शटलकॉक का हर ‘फील’ देता है और मैं उसे कोर्ट में कहीं भी रख सकता हूँ जहाँ मैं चाहता हूँ.

हालाँकि, ज़्यादा टेंशन के लिए आपको अपनी कलाई और बांह की मांसपेशियों से ज़्यादा ताकत लगाने की ज़रूरत होती है, और यह आपके जोड़ों पर ज़्यादा दबाव डाल सकता है.

इसलिए, आपको एक ऐसे बिंदु को खोजना होगा जहाँ आप नियंत्रण और आराम के बीच संतुलन बना सकें. यह एक व्यक्तिगत पसंद है और यह आपके खेल के स्तर और शैली पर निर्भर करता है.

कब बदलें अपनी स्ट्रिंग: खेल को बेहतर रखने का सीधा फंडा

बहुत से खिलाड़ी अपनी स्ट्रिंग को तब तक नहीं बदलते जब तक वह टूट न जाए, जो एक बहुत बड़ी गलती है! टूटी हुई स्ट्रिंग निश्चित रूप से बदलने की ज़रूरत होती है, लेकिन एक स्ट्रिंग के टूटने से पहले ही उसकी परफॉर्मेंस खराब होने लगती है.

मैंने अपने अनुभव में देखा है कि समय के साथ, स्ट्रिंग अपनी टेंशन खो देती है और अपनी इलास्टिसिटी कम कर देती है, जिससे आपके शॉट्स की पावर और कंट्रोल दोनों प्रभावित होते हैं.

यह ऐसा है जैसे एक पुरानी कार धीरे-धीरे अपनी गति और दक्षता खोने लगती है, भले ही वह अभी भी चल रही हो. आपकी स्ट्रिंग की लाइफ आपके खेलने की आवृत्ति, खेल की शैली, और स्ट्रिंग के मटेरियल पर निर्भर करती है.

मुझे याद है एक बार मेरे एक छात्र ने शिकायत की कि उसके शॉट्स में पहले जैसी जान नहीं रही, और जब मैंने उसकी स्ट्रिंग चेक की, तो वह ढीली हो चुकी थी, जबकि टूटी नहीं थी.

एक नई स्ट्रिंग लगवाने के बाद, उसका खेल तुरंत सुधर गया.

टेंशन लॉस और परफॉर्मेंस पर असर

स्ट्रिंग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसका टेंशन होता है, और यह समय के साथ धीरे-धीरे कम होता रहता है, भले ही आप खेलें या न खेलें. इसे ‘टेंशन लॉस’ कहते हैं.

जब स्ट्रिंग अपनी टेंशन खो देती है, तो वह उतनी ‘इलास्टिक’ नहीं रहती जितनी होनी चाहिए, जिससे शटलकॉक पर उसका प्रभाव कम हो जाता है. इसका मतलब है कि आपको पहले जितनी पावर पाने के लिए ज़्यादा ताकत लगानी पड़ेगी, और आपके शॉट्स का नियंत्रण भी बिगड़ जाएगा.

मैंने कई बार देखा है कि खिलाड़ी सोचते हैं कि उनका खेल बिगड़ रहा है, जबकि असल में उनकी स्ट्रिंग ही उन्हें निराश कर रही होती है. एक ढीली स्ट्रिंग शटलकॉक को उतनी अच्छी तरह से ‘पॉकेट’ नहीं कर पाती, जिससे आपके ड्रॉप्स और नेट शॉट्स में सटीकता की कमी आती है.

यदि आपको लगता है कि आपके शॉट्स में पहले जैसी ‘पंच’ नहीं रही या शटलकॉक आपके रैकेट से अजीब तरह से टकरा रही है, तो यह आपकी स्ट्रिंग बदलने का संकेत हो सकता है.

खराब स्ट्रिंग के संकेत: कब समझें कि बदलाव ज़रूरी है

टूटना ही एकमात्र संकेत नहीं है कि आपको अपनी स्ट्रिंग बदलने की ज़रूरत है. कुछ और संकेत भी हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए:

  1. टेंशन में कमी: यदि आप अपनी स्ट्रिंग को उंगली से दबाते हैं और वह आसानी से दब जाती है, तो इसका मतलब है कि उसने अपनी टेंशन खो दी है.
  2. घिसी हुई या फीकी स्ट्रिंग: यदि आपकी स्ट्रिंग घिसी हुई या उसके रंग फीके पड़ गए हैं, तो यह भी उसके जीवनकाल के अंत का संकेत है.
  3. परफॉर्मेंस में गिरावट: यदि आपको लगता है कि आपके शॉट्स में पावर, कंट्रोल या ‘फील’ कम हो गया है, तो यह स्ट्रिंग बदलने का समय है.
  4. खेलने की आवृत्ति: यदि आप हफ्ते में 2-3 बार खेलते हैं, तो आपको हर 1-3 महीने में स्ट्रिंग बदलनी चाहिए, भले ही वह टूटे या न टूटे.

मुझे याद है कि मैं अपने छात्रों को हमेशा यह सलाह देता हूँ कि वे अपने रैकेट की स्ट्रिंग को अपने खेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानें, न कि सिर्फ एक सहायक उपकरण.

एक ताज़ी और सही टेंशन वाली स्ट्रिंग आपको हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद करेगी.

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सही स्ट्रिंग का जादू: चोटों से बचाव और परफॉर्मेंस में उछाल

बैडमिंटन एक तेज़-तर्रार खेल है जिसमें शारीरिक मांगें बहुत ज़्यादा होती हैं. ग़लत स्ट्रिंग न केवल आपके प्रदर्शन को खराब कर सकती है बल्कि आपके शरीर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.

मैंने कई खिलाड़ियों को देखा है जिन्हें कोहनी, कंधे या कलाई में दर्द की शिकायत होती है, और अक्सर इसका एक कारण ग़लत स्ट्रिंग या ग़लत टेंशन होता है. एक सही स्ट्रिंग आपके शॉट्स को प्रभावी बनाने के साथ-साथ आपके शरीर को भी बचाती है.

यह ऐसा है जैसे आप सही जूते पहनकर दौड़ते हैं – न केवल आप बेहतर दौड़ते हैं, बल्कि आपके पैर भी सुरक्षित रहते हैं. स्ट्रिंग का मटेरियल और टेंशन मिलकर शटलकॉक के संपर्क से उत्पन्न होने वाले कंपन (वाइब्रेशन) को नियंत्रित करते हैं.

यदि स्ट्रिंग बहुत कठोर है या बहुत ज़्यादा टेंशन पर है, तो यह कंपन सीधे आपके हाथ और बांह तक पहुँच सकता है, जिससे चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है.

जोड़ों पर तनाव कम करने वाली स्ट्रिंग्स

अगर आपको कोहनी, कंधे या कलाई में दर्द का अनुभव होता है, तो आपको ऐसी स्ट्रिंग्स पर ध्यान देना चाहिए जो शॉक एब्जॉर्प्शन में बेहतर हों. मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स, अपनी बनावट के कारण, मोनोफिलामेंट स्ट्रिंग्स की तुलना में ज़्यादा कंपन को अवशोषित करती हैं, जिससे आपके जोड़ों पर पड़ने वाला तनाव कम होता है.

साथ ही, थोड़ा कम टेंशन भी इस मामले में मददगार हो सकता है. मैंने अपने एक दोस्त को देखा था जिसे ‘टेनिस एल्बो’ (हालांकि यह बैडमिंटन में भी होता है) की समस्या थी, और जब उसने मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग और कम टेंशन पर स्विच किया, तो उसे काफ़ी आराम मिला.

यह एक बहुत ही ज़रूरी पहलू है जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन यह आपके लंबे समय तक खेल में बने रहने के लिए महत्वपूर्ण है. अपनी सेहत को प्राथमिकता देना हमेशा बुद्धिमानी है, और सही स्ट्रिंग का चुनाव इसमें आपकी मदद कर सकता है.

आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती का आधार

जब आपको अपनी स्ट्रिंग पर पूरा भरोसा होता है, तो इसका सीधा असर आपके आत्मविश्वास पर पड़ता है. जब आप जानते हैं कि आपकी स्ट्रिंग आपके हर शॉट पर सही प्रतिक्रिया देगी, तो आप ज़्यादा जोखिम लेने और नए शॉट्स आज़माने से नहीं डरते.

यह मानसिक मजबूती खेल में एक बहुत बड़ा अंतर पैदा करती है. मुझे याद है कि जब मैंने पहली बार एक स्ट्रिंग ढूंढ ली थी जो मेरे खेल शैली के अनुकूल थी, तो मेरे खेल में अचानक से एक नया आत्मविश्वास आ गया था.

मेरे शॉट्स ज़्यादा सटीक होने लगे, और मैं कोर्ट पर ज़्यादा आक्रामक और रचनात्मक तरीके से खेलने लगा. सही स्ट्रिंग आपको यह अहसास दिलाती है कि आपकी रैकेट आपके हाथ का विस्तार है, जो आपके हर इरादे को पूरा करती है.

यह सिर्फ फिजिकल परफॉर्मेंस की बात नहीं है, बल्कि आपके मानसिक खेल को भी बढ़ावा देती है, जिससे आप कोर्ट पर ज़्यादा एकाग्र और फोकस रह पाते हैं.

글 को समाप्त करते हुए

तो मेरे प्यारे बैडमिंटन दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि बैडमिंटन स्ट्रिंग्स की इस गहरी चर्चा ने आपको अपने खेल के लिए सही चुनाव करने में मदद की होगी. याद रखिए, यह सिर्फ एक स्ट्रिंग नहीं है, बल्कि आपके रैकेट का वो हिस्सा है जो सीधे आपके प्रदर्शन और खेल के अनुभव को प्रभावित करता है. मैंने अपने सालों के सफर में सीखा है कि सही स्ट्रिंग का चुनाव करना खेल का एक बहुत ही व्यक्तिगत और महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आपको कोर्ट पर और भी ज़्यादा आत्मविश्वास के साथ उतरने में मदद करता है. तो अब बेझिझक प्रयोग कीजिए, अलग-अलग स्ट्रिंग्स और टेंशन के साथ खेलिए, और पता लगाइए कि आपके हाथ के लिए कौन सी स्ट्रिंग सबसे ‘गेम चेंजर’ साबित होती है. क्योंकि जब आपकी स्ट्रिंग सही होगी, तो आपका खेल अपने आप चमक उठेगा!

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जानने योग्य उपयोगी जानकारी

1. अपनी खेल शैली को समझें: आप आक्रामक खिलाड़ी हैं या रक्षात्मक? पावर पसंद है या कंट्रोल? आपकी खेल शैली ही आपकी स्ट्रिंग चुनने का पहला कदम होनी चाहिए. कभी दूसरों की नकल न करें, अपना रास्ता खुद बनाएं.

2. नियमित रूप से स्ट्रिंग बदलें: स्ट्रिंग भले ही टूटी न हो, लेकिन समय के साथ उसकी टेंशन और परफॉर्मेंस कम हो जाती है. एक नियम बनाएं, जैसे हर 1-3 महीने में या जितने घंटे आप खेलते हैं (उदाहरण के लिए, हर 20-30 घंटे के खेल के बाद), स्ट्रिंग को बदल दें. यह आपके खेल को हमेशा ‘फ्रेश’ रखेगा.

3. टेंशन के साथ प्रयोग करें: कम टेंशन से ज़्यादा पावर मिलती है, जबकि ज़्यादा टेंशन से ज़्यादा कंट्रोल. अपने रैकेट के लिए ‘स्वीट स्पॉट’ ढूंढने के लिए अलग-अलग टेंशन पर स्ट्रिंगिंग कराकर देखें. शुरुआत में थोड़ा कम टेंशन ही बेहतर होता है.

4. अपनी कलाई और कोहनी का ध्यान रखें: यदि आपको जोड़ों में दर्द का अनुभव होता है, तो मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग या थोड़ी कम टेंशन पर विचार करें. यह शॉक एब्जॉर्प्शन में मदद करेगा और चोटों के जोखिम को कम करेगा. अपनी सेहत को कभी नज़रअंदाज़ न करें, क्योंकि स्वस्थ शरीर ही अच्छा खेल सकता है.

5. विशेषज्ञ की सलाह लें: यदि आप अभी भी भ्रमित हैं, तो किसी अनुभवी स्ट्रिंगर या बैडमिंटन कोच से सलाह लें. वे आपकी खेल शैली और ज़रूरतों के आधार पर सही सुझाव दे सकते हैं. मेरा मानना है कि एक अनुभवी व्यक्ति का ज्ञान आपकी राह आसान कर देता है.

महत्वपूर्ण बातों का सारांश

बैडमिंटन में स्ट्रिंग का चुनाव आपके खेल का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अक्सर हल्के में लिया जाता है. हमने देखा कि नायलॉन स्ट्रिंग्स शुरुआती खिलाड़ियों के लिए टिकाऊ और किफायती होती हैं, जबकि मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स बेहतर ‘फील’ और कंट्रोल चाहने वाले उन्नत खिलाड़ियों के लिए आदर्श हैं. सिंथेटिक गट स्ट्रिंग्स संतुलन और बहुमुखी प्रतिभा प्रदान करती हैं, और कुछ टेक्सचर वाली स्ट्रिंग्स शटलकॉक पर अतिरिक्त ग्रिप देती हैं. स्ट्रिंग टेंशन भी एक ‘गेम चेंजर’ है; कम टेंशन से ज़्यादा पावर मिलती है और यह हाथों पर आरामदायक होती है, जबकि ज़्यादा टेंशन सटीक नियंत्रण देती है, लेकिन इसमें ज़्यादा ताकत की ज़रूरत होती है. सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपकी स्ट्रिंग की परफॉर्मेंस समय के साथ कम होती जाती है, भले ही वह टूटी न हो, इसलिए नियमित रूप से स्ट्रिंग बदलना आपके खेल के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है. अंत में, सही स्ट्रिंग न केवल आपके प्रदर्शन को बढ़ाती है, बल्कि चोटों से बचाने और कोर्ट पर आपके आत्मविश्वास को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसलिए, अपनी खेल शैली, जरूरतों और शारीरिक आराम को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर चुनाव करें, क्योंकि आपकी स्ट्रिंग ही आपके खेल का सबसे करीबी दोस्त है!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 📖

प्र: विभिन्न प्रकार की बैडमिंटन स्ट्रिंग सामग्री कौन सी हैं और मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरे लिए कौन सी सही है?

उ: देखिए, आजकल बाज़ार में कई तरह की स्ट्रिंग सामग्री उपलब्ध हैं, और हर किसी की अपनी खासियत होती है. सबसे आम हैं:
मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग्स: ये सबसे लोकप्रिय मानी जाती हैं.
इन्हें बनाने के लिए कई छोटे-छोटे फिलामेंट्स को एक साथ बुना जाता है. मेरी राय में, ये स्ट्रिंग्स कमाल का ‘फील’ और ‘कंट्रोल’ देती हैं, साथ ही इनमें अच्छी पावर भी होती है.
ये चोट लगने की संभावना को भी कम करती हैं क्योंकि ये थोड़ी सॉफ्ट होती हैं. अगर आप एक ‘ऑल-राउंड’ खिलाड़ी हैं या आपको आरामदेह खेल पसंद है, तो मल्टीफिलामेंट आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है.
सिंथेटिक गट (Synthetic Gut): ये आमतौर पर नायलॉन से बनी होती हैं और मल्टीफिलामेंट की तुलना में थोड़ी ज़्यादा टिकाऊ हो सकती हैं. ये अक्सर थोड़ी सस्ती भी होती हैं.
मैंने देखा है कि जो खिलाड़ी ज़्यादा पावर चाहते हैं और स्ट्रिंग की टूट-फूट से बचना चाहते हैं, वे इन्हें पसंद करते हैं. हालांकि, इनमें मल्टीफिलामेंट जैसा ‘फील’ थोड़ा कम हो सकता है.
टेक्सचर्ड स्ट्रिंग्स: कुछ स्ट्रिंग्स की सतह पर थोड़ी खुरदुरी बनावट होती है, जिससे शटल पर ज़्यादा ग्रिप मिलती है. अगर आप शटल को ज़्यादा स्पिन देना चाहते हैं या ड्रॉप शॉट में ज़्यादा कंट्रोल चाहते हैं, तो ये आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं.
सही चुनाव के लिए, सबसे पहले अपनी खेल शैली और आप क्या चाहते हैं, यह तय करें – क्या आपको ज़्यादा पावर चाहिए, ज़्यादा कंट्रोल, या टिकाऊपन? मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि एक अच्छी मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग ज्यादातर खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन संतुलन प्रदान करती है.

प्र: मेरी बैडमिंटन रैकेट में सही स्ट्रिंग टेंशन क्या होनी चाहिए और यह मेरे खेल को कैसे प्रभावित करती है?

उ: यह एक ऐसा सवाल है जो हर खिलाड़ी के मन में आता है! स्ट्रिंग टेंशन यानी स्ट्रिंग कितनी कसी हुई है, इसका आपके खेल पर बहुत गहरा असर पड़ता है. कम टेंशन (कम पाउंड्स): अगर आपकी स्ट्रिंग ढीली है (कम पाउंड्स पर खिंची है, जैसे 18-22 lbs), तो आपको ज़्यादा पावर मिलेगी.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शटल स्ट्रिंग बेड पर ज़्यादा देर तक टिकती है और एक स्लिंगशॉट की तरह काम करती है, जिससे आपको शटल को दूर तक मारने में आसानी होती है.
नए खिलाड़ियों या जिनकी कलाइयों में उतनी ताकत नहीं होती, उनके लिए यह अच्छी हो सकती है. लेकिन इसमें कंट्रोल कम हो जाता है. ज़्यादा टेंशन (ज़्यादा पाउंड्स): जब आपकी स्ट्रिंग कसी हुई होती है (ज़्यादा पाउंड्स पर खिंची है, जैसे 24-28+ lbs), तो आपको बेहतरीन कंट्रोल और ‘फील’ मिलता है.
शटल रैकेट से जल्दी निकलती है, जिससे आप सटीक शॉट लगा पाते हैं. प्रोफेशनल खिलाड़ी अक्सर ज़्यादा टेंशन पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें शटल पर पूरा नियंत्रण चाहिए होता है.
लेकिन इसमें पावर थोड़ी कम हो जाती है और आपकी कलाई पर ज़्यादा ज़ोर पड़ सकता है. मैं हमेशा यही सलाह देता हूँ कि नए खिलाड़ी 20-23 lbs के बीच से शुरुआत करें.
जैसे-जैसे आपकी ताकत और तकनीक बढ़ती जाए, आप धीरे-धीरे टेंशन बढ़ा सकते हैं. मैंने खुद कई बार खिलाड़ियों को गलत टेंशन की वजह से चोटिल होते देखा है, इसलिए अपनी बॉडी और खेल के हिसाब से ही टेंशन चुनें.
सही टेंशन ढूंढने में थोड़ा प्रयोग करना पड़ सकता है, लेकिन जब मिल जाएगी, तो आपका खेल ही बदल जाएगा!

प्र: एक खिलाड़ी के तौर पर, मैं अपनी खेल शैली और स्तर के अनुसार सबसे अच्छी स्ट्रिंग कैसे चुनूँ?

उ: अपनी खेल शैली और स्तर के हिसाब से सही स्ट्रिंग चुनना आपके प्रदर्शन के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. मैंने खुद महसूस किया है कि जब मेरी स्ट्रिंग सही होती है, तो मैं कोर्ट पर ज़्यादा आत्मविश्वास से खेलता हूँ.
नए खिलाड़ियों के लिए: यदि आप अभी-अभी बैडमिंटन खेलना सीख रहे हैं, तो मेरी सलाह है कि आप एक टिकाऊ और थोड़ी नरम मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग चुनें, जिसकी टेंशन 20-22 lbs के आसपास हो.
यह आपको ज़्यादा ‘फोरगिवनेस’ देगी, जिससे गलतियों से डर नहीं लगेगा, और आपकी कलाई पर भी ज़्यादा ज़ोर नहीं पड़ेगा. पावर हिटर्स के लिए: अगर आप ऐसे खिलाड़ी हैं जो आक्रामक खेलना पसंद करते हैं और स्मैश से पॉइंट्स बटोरते हैं, तो आपको ऐसी स्ट्रिंग चाहिए जो अच्छी ‘रिपल्शन’ (शटल को तेज़ी से वापस भेजने) पावर दे.
आप थोड़ी ज़्यादा टेंशन (24-26 lbs) के साथ एक पतली, हाई-रिपल्शन मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग ट्राई कर सकते हैं. ये आपको स्मैश में ज़्यादा धार देंगी. कंट्रोल और ‘फील’ के लिए: यदि आपकी खेल शैली ज़्यादा ड्रॉप, नेट शॉट और सटीक प्लेसमेंट पर आधारित है, तो आपको ऐसी स्ट्रिंग चाहिए जो बेहतरीन ‘फील’ और कंट्रोल प्रदान करे.
एक मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग जो थोड़ी पतली हो और 25-28 lbs या उससे ज़्यादा की टेंशन पर खिंची हो, आपके लिए आदर्श हो सकती है. इससे आपको शटल पर अद्भुत नियंत्रण मिलेगा और आप अपनी कला का पूरा प्रदर्शन कर पाएंगे.
ऑल-राउंड खिलाड़ियों के लिए: अगर आप पावर और कंट्रोल का संतुलन चाहते हैं, तो एक अच्छी क्वालिटी की मल्टीफिलामेंट स्ट्रिंग 23-25 ​​lbs की टेंशन पर खिंची हुई, आपके लिए बेहतरीन रहेगी.
यह आपको हर तरह के शॉट में आत्मविश्वास देगी. याद रखें, हर किसी का ‘फील’ अलग होता है, इसलिए अपने दोस्तों से बात करें, अलग-अलग स्ट्रिंग्स और टेंशन ट्राई करें.
मुझे याद है, एक बार मैंने एक स्ट्रिंग सिर्फ इसलिए बदली थी क्योंकि मेरे दोस्त ने कहा था कि वो कमाल की है, और सच में, उसने मेरे बैकहैंड को बदल दिया! तो, अपने अनुभव पर भरोसा करें और प्रयोग करने से न डरें!

📚 संदर्भ

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